कृष्ण की राधा से पहली मुलाकात नंदगांव और बरसाने के बीच हुई। एक-दूसरे को देखने के बाद दोनों में सहज ही एक-दूसरे के प्रति आकर्षण बढ़ गया। माना जाता है कि यहीं से राधा-कृष्ण के प्रेम की शुरुआत हुई।
स्थान
इस स्थान पर एक मंदिर है, जिसे “संकेत स्थान” कहा जाता है। मान्यता है कि पिछले जन्म में ही दोनों ने यह तय कर लिया था कि हमें इस स्थान पर मिलना है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अध्यात्म का पहला पड़ाव speakingtree.in। अभिगमन तिथि: अगस्त-28, 2016।
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