कृपालु महाराज

कृपालु महाराज

कृपालु महाराज (जन्म: 6 अक्टूबर, 1922 मृत्यु: 15 नवंबर, 2013) एक आधुनिक संत एवं आध्यात्मिक गुरु थे, जिनका वास्तविक नाम राम कृपालु त्रिपाठी था। जगदगुरु कृपालु महाराज का जन्म प्रतापगढ़ जिले की कुंडा तहसील के मनगढ़़ गांव में हुआ था। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के मनगढ़ स्थित सुप्रसिद्ध भक्ति धाम तथा मथुरा जिले के वृन्दावन स्थित प्रेम मंदिर का निर्माण कृपालु महाराज ने करवाया था। इनकी आध्यात्मिक शिक्षा बनारस में हुई।

जीवन परिचय

अपनी ननिहाल मनगढ़़ में जन्मे राम कृपालु त्रिपाठी ने गाँव के ही मिडिल स्कूल से 7वीं कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त की और उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिये महू, मध्य प्रदेश चले गये। अपने ननिहाल में ही पत्नी पद्मा के साथ गृहस्थ जीवन की शुरुआत की और राधा-कृष्ण की भक्ति में तल्लीन हो गये। भक्ति-योग पर आधारित उनके प्रवचन सुनने भारी संख्या में श्रद्धालु पहुँचने लगे। फिर तो उनकी ख्याति देश के अलावा विदेश तक जा पहुँची। उनके परिवार में दो बेटे घनश्याम व बालकृष्ण त्रिपाठी हैं। इसके अलावा तीन बेटियाँ भी हैं- विशाखा, श्यामा व कृष्णा त्रिपाठी।

प्रेम मन्दिर की स्थापना

भगवान कृष्ण और राधा के मन्दिर के रूप में बनवाया गया प्रेम मन्दिर कृपालु महाराज की ही अवधारणा का परिणाम है। भारत में मथुरा के समीप वृंदावन में स्थित इस मन्दिर के निर्माण में 11 वर्ष का समय और लगभग सौ करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इटैलियन संगमरमर का प्रयोग करते हुए इसे राजस्थान और उत्तर प्रदेश के एक हजार शिल्पकारों ने तैयार किया। इस मन्दिर का शिलान्यास स्वयं कृपालु जी ने ही किया था।

 

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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