करेहला
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विवरण | 'करेहला' ब्रज के तीर्थ स्थानों में गिना जाता है। यह स्थान श्रीराधा जी की प्रिय अष्टसखियों में से एक ललिता जी का जन्म स्थान है। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | मथुरा |
प्रसिद्धि | हिन्दू धार्मिक स्थल |
संबंधित लेख | ब्रज, मथुरा, वृन्दावन, कृष्ण, राधा, ललिता सखी, ललिता कुण्ड काम्यवन |
अन्य जानकारी | यह स्थान कामई से एक मील की दूरी पर उत्तर में हैं। भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि में बूढ़ीलीला प्रसंग में यहाँ रासलीला होती है। |
अद्यतन | 01:15 19 जुलाई, 2016 (IST) |
करेहला श्रीराधा जी की प्रमुख अष्टसखियों में से एक ललिता जी का जन्म स्थान है। यह स्थान ब्रजमण्डल के प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में से एक है।
- करहाला गोपी का पुत्र गोवर्धन मल्ल अपनी पत्नी चन्द्रावली के साथ इस स्थान पर कभी-कभी रहता था। कभी-कभी 'सखीथरा'[1] में रहता था।
- चन्द्रावली के पिता का नाम चन्द्रभानु गोप और माता का नाम इन्दुमती गोपी था। चन्द्रावली जी राधिका की ज्येष्ठ बहन थीं।
- वृषभानु महाराज पाँच भाई थे- 'वृषभानु', 'चन्द्रभानु', 'रत्नभानु', 'सुभानु' और 'श्रीभानु'। वृषभानु जी सबसे बड़े थे। राधिका वृषभानु की कन्या होने के कारण चन्द्रावली की बहन लगती थीं।
- पद्मा आदि यूथेश्वरियाँ करेहला में रहकर चन्द्रावली से श्रीकृष्ण का मिलन कराने के लिए प्रयत्न करती थीं।
- करेहला में कंकण कुण्ड, कदम्ब खण्डी, झूला, श्रीवल्लभाचार्य, श्रीविट्ठलेश तथा श्रीगोकुलनाथ जी की बैठकें है।
- यह स्थान कामई से एक मील उत्तर में हैं। भाद्र पूर्णिमा तिथि में बूढ़ीलीला प्रसंग में यहाँ रासलीला होती है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सखी-स्थली गोवर्धन के निकट
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