अमृत

अमृत वह वस्तु, जिसे पीने वाला जीवित प्राणी अजर-अमर हो जाता है और जिसके स्पर्श से मरा हुआ व्यक्ति जी उठता है।

  • अमृत को प्राचीन काल में समुद्र-मंथन से प्राप्त किया गया था और 'धंवंतरि' उसे एक कलश में लेकर प्रकट हुए थे।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत आदि पर्व अध्याय 19 श्लोक 1-21

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