"महाभारत आदिपर्व कथाएँ" श्रेणी में पृष्ठ इस श्रेणी में निम्नलिखित 116 पृष्ठ हैं, कुल पृष्ठ 316 (पिछले 200) (अगले 200)भ भीम और वकासुर का युद्ध भीम और हिडिम्बासुर का युद्ध भीम का नागलोक में पहुँच आठ कुण्डों का दिव्य रस पान करना भीम का भोजन लेकर वकासुर के पास जाना भीम के न आने से कुन्ती की चिन्ता भीम को वकासुर के पास भेजने का प्रस्ताव भीम द्वारा कर्ण का तिरस्कार और दुर्योधन द्वारा सम्मान भीम द्वारा हिडिम्बासुर का वध भीम, दुर्योधन और अर्जुन द्वारा अस्त्र-कौशल का प्रदर्शन भीमसेन और हिडिम्बा का मिलन भीष्म का जन्म भीष्म का द्रोण को सम्मानपूर्वक रखना भीष्म की दुर्योधन से पाण्डवों को आधा राज्य देने की सलाह भीष्म की सम्मति से सत्यवती द्वारा व्यास का आवाहन भीष्म द्वारा काशीराज की कन्याओं का हरण भीष्म द्वारा सब राजाओं एवं शाल्व की पराजय भृगु द्वारा अग्निदेव को शापम मन्दपाल का अपने बाल-बच्चों से मिलना मन्दपाल मुनि द्वारा जरिता-शांर्गिका से पुत्रों की उत्पत्ति मरिचि आदि महर्षियों तथा अदिति आदि दक्ष कन्याओं के वंश का विवरण महर्षि च्यवन का जन्म महर्षि माण्डव्य का शूली पर चढ़ाया जाना महर्षियों तथा कश्यप-पत्नियों की संतान परंपरा का वर्णन महाभारत का उपक्रम महाभारत की महत्ता महाभारत में वर्णित पर्व महाभिष को ब्रह्माजी का शाप माण्डव्य का धर्मराज को शाप देना माता और भाइयों को भूमि पर सोये देखकर भीम को क्रोध आना माद्री के साथ पाण्डु का विवाह मेनका-विश्वामित्र का मिलन मेरु पर्वत पर भगवान नारायण का समुद्र-मंथन के लिए आदेशय ययाति और अष्टक का आश्रम-धर्म संबंधी संवाद ययाति और अष्टक का संवाद ययाति और देवयानी का विवाह ययाति का अपने पुत्र पुरु की युवावस्था लेना ययाति का अपने पुत्रों को शाप देना ययाति का अपने पुत्रों से आग्रह ययाति का अष्टक के साथ स्वर्ग में जाना य आगे. ययाति का वसुमान और शिबि के प्रतिग्रह को अस्वीकार करना ययाति का विषय सेवन एवं वैराग्य ययाति का स्वर्ग से पतन ययाति की तपस्या ययाति द्वारा दूसरों के पुण्यदान को अस्वीकार करना ययाति द्वारा पुरु का राज्याभिषेक करके वन में जाना ययाति द्वारा पुरु के उपदेश की चर्चा करना ययाति से देवयानी को पुत्र प्राप्ति ययाति-शर्मिष्ठा का एकान्त मिलन यादवों की अर्जुन के विरुद्ध युद्ध की तैयारी युधिष्ठिर का भीम को हिडिम्बा-वध से रोकना युधिष्ठिर का युवराज पद पर अभिषेक युधिष्ठिर के राज्य की विशेषता युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन की उत्पत्तिर राजकुमारों का रंगभूमि में अस्त्र-कौशल दिखाना राजा श्वेतकि की कथा राजा संवरण का सूर्य कन्या तपती पर मोहित होना राजाओं का लक्ष्यवेध के लिए उद्योग और असफल होना रुरु-डुण्डुभ संवादल लाक्षागृह का दाह लाक्षागृह में निवास और युधिष्ठिर-भीम की बातचीतव वकासुर वध से भयभीत राक्षसों का पलायन वर्गा की आत्मकथा वसिष्ठ की मदद से संवरण को तपती की प्राप्ति वसिष्ठ के अद्भुत क्षमा-बल के आगे विश्वामित्र का पराभव वसिष्ठ द्वारा कल्माषपाद को अश्मक नामक पुत्र की प्राप्ति वसिष्ठ द्वारा वसुओं को शाप प्राप्त होने की कथा वसुओं का जन्म एवं शाप से उद्धार वारणावत में पाण्डवों का स्वागत विचित्रवीर्य का निधन विचित्रवीर्य का राज्याभिषेक विदुर का विवाह विदुर की सम्मति, द्रोण-भीष्म के वचनों का समर्थन विदुर के भेजे हुए खनक द्वारा लाक्षागृह में सुरंग का निर्माण विदुर के भेजे हुए नाविक का पाण्डवों को गंगा के पार उतरना विनता का कद्रु की दासी होना विश्वामित्र की तपस्या भंग करने के लिए इंद्र द्वारा मेनका को भेजना व्यास का वैशम्पायन से महाभारत कथा सुनाने की कहना व्यास द्वारा विचित्रवीर्य के क्षेत्र से धृतराष्ट्र, पाण्डु, विदुर की उत्पत्ति व आगे. व्यासजी का द्रुपद को द्रौपदी-पाण्डवों के पूर्वजन्म की कथा सुनाना व्यासजी का पाण्डवों से द्रौपदी के पूर्वजन्म का वृत्तांत सुनानाश शकुन्तला और दुष्यंत का गन्धर्व विवाह शकुन्तला को अद्भुत शक्तिशाली पुत्र की प्राप्ति शकुन्तला द्वारा अपने जन्म का कारण बताना शक्ति के शाप से कल्माषपाद का राक्षस होना शक्ति पुत्र पराशर का जन्म शर्मिष्ठा का दासी बनकर शुक्राचार्य-देवयानी को संतुष्ट करना शर्मिष्ठा द्वारा कुएँ में गिरायी गयी देवयानी को ययाति का निकालना शान्तनु और गंगा का शर्तों के साथ विवाह शान्तनु और चित्रांगद का निधन शान्तनु का जन्म एवं राज्याभिषेक शान्तनु के रूप, गुण और सदाचार की प्रशंसा शापग्रस्त वसुओं के साथ गंगा की बातचीत शार्ंगकों के स्तवन से प्रसन्न अग्निदेव का अभय देना शुक्राचार्य का ययाति को शाप देना शुक्राचार्य का वृषपर्वा को फटकारना शुक्राचार्य द्वारा देवयानी को समझाना शेषनाग की तपस्या श्रीकृष्ण की पाण्डवों से भेंट श्रीकृष्ण-बलरामजी का द्वारका प्रस्थान श्रृंगी ऋषि का परिक्षित को शाप श्रृंगी ऋषि का परीक्षित को शापस सखियों सहित देवयानी और शर्मिष्ठा का वन-विहार सत्यवती का भीष्म से राज्य-ग्रहण का आग्रह सत्यवती की आज्ञा से व्यास को अम्बिका, अम्बालिका के गर्भ में संतानोत्पादन की स्वीकृति सत्यवती के गर्भ से चित्रांगद, विचित्रवीर्य की उत्पत्ति सत्यवती, व्यास की संक्षिप्त जन्म कथा समन्तपंचक क्षेत्र सर्पयज्ञ के ऋत्विजों की नामावली सर्पयज्ञ में दग्ध हुए सर्पों के नाम सुन्द-उपसुन्द की तपस्या सुन्द-उपसुन्द द्वारा त्रिलोक विजय स्वयंवर सभा का वर्णन एवं धृष्टद्युम्न की घोषणाह हस्तिनापुर में पाण्डवों के लिए शोक-प्रकाश हिडिम्ब के भेजने पर हिडिम्बा का पाण्डवों के पास जाना हिडिम्बा का कुन्ती से अपना मनोभाव प्रकट करना हिडिम्बा का भीम के लिए प्रार्थना करना (पिछले 200) (अगले 200)