श्री द्वारिकाधीश -सुदर्शन सिंह 'चक्र'
47. वंश-विस्तार
कन्या चारुमती का विवाह कृतवर्मा के पुत्र बली से हुआ। प्रद्युम्न के पुत्र अनिरुद्ध हुए और उनके पुत्र वज्रनाभ। ये वज्रनाभ ही यदुवंश के अन्त होने पर बच गये।
इनकी इच्छा कन्या पाने में विशेष होने में सात पुत्र होने पर इन्होंने देवी अम्बिका की कन्या के लिए उपासना की, अत: शेष चार कन्या हुई इनके।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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